धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन, भाई दूज 2024 कब है: यहां शुभ मुहूर्त के साथ सभी पांच त्योहार की तारीखें हैं

रोशनी का त्योहार दिवाली आने वाला है और पूरे भारत में इसे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। पांच दिनों तक चलने वाला यह उत्सव धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। इस दौरान लोग अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और कई तरह के अनुष्ठान करते हैं। इस त्यौहार में देवी लक्ष्मी के साथ-साथ अन्य देवताओं की पूजा भी शामिल है और यह अमावस्या के दिन मनाया जाता है, जिसे उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन, भाई दूज कब है? दिवाली के पांच दिन इस प्रकार हैं: 29 अक्टूबर (मंगलवार): धनतेरस या धन त्रयोदशी/यम दीपम

रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४ –

अब की बार रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४ में सर्प दंश बाले भक्तो के बंधन २ नवम्वर रात्रि से प्रारम्भ होंगे और ३ नवंबर मध्य रात्रि तक काटे जाएंगे और बार लख्खी मेला २०२४ लगातार २,३ और ४ नवम्वर तक चलेगा-

धनतेरस दिवाली का पहला दिन होता है। इस दिन धातु की नई वस्तुएं, खास तौर पर सोना और चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक रहेगा, जो 1 घंटे 41 मिनट तक चलेगा। इस दिन लोग भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

31 अक्टूबर (गुरुवार): नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है
दूसरा दिन, नरक चतुर्दशी, 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का सम्मान करता है।

31 अक्टूबर (गुरुवार): दिवाली/लक्ष्मी पूजा
त्योहार का मुख्य दिन, दिवाली, 31 अक्टूबर को है। लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5:36 बजे से शुरू होकर शाम 6:16 बजे तक रहेगा, जो 41 मिनट तक चलेगा। यह लक्ष्मी पूजन करने का मुख्य दिन है।

रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४ –

2 नवंबर (शनिवार): गोवर्धन पूजा/अन्नकूट
गोवर्धन पूजा दिवाली के एक दिन बाद मनाई जाती है। इस अनुष्ठान का मुहूर्त सुबह 6:34 बजे से सुबह 8:46 बजे तक है, जो 2 घंटे 12 मिनट तक चलता है। यह दिन भगवान कृष्ण द्वारा मथुरा के निवासियों को भगवान इंद्र से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाने के कृत्य की याद दिलाता है।

3 नवंबर (रविवार): भाई दूज/यम द्वितीया
दिवाली का अंतिम दिन भाई दूज है, जो भाई-बहन के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। इस उत्सव का अपराहन समय दोपहर 1:10 बजे से दोपहर 3:22 बजे तक होगा, जो 2 घंटे 12 मिनट तक चलेगा।

दिवाली हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें विभिन्न अनुष्ठान, पारिवारिक समारोह और उपहारों का आदान-प्रदान होता है। उत्सव के प्रत्येक दिन का अपना महत्व और अनुष्ठान होता है, जिसका समापन दिवाली के मुख्य दिन देवी लक्ष्मी की पूजा के साथ होता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और यह आनंद, चिंतन और एकजुटता का समय है।

रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४  (भाई दूज 2024)-
पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurat) 02 नवंबर को रात 08:21 बजे से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 03 नवंबर को होगा। ऐसे में भाई दूज का त्योहार 03 नवंबर को मनाया जाएगा।

रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४ -Ratangarh Mata Lakhkhi Mela 2024

अब की बार रतनगढ़ माता लख्खी मेला २०२४ में सर्प दंश बाले भक्तो के बंधन२ नवम्वर रात्रि से प्रारम्भ होंगे और ३ नवंबर मध्य रात्रि तक काटे जाएंगे और बार लख्खी मेला २०२४ लगातार २,३ और ४ नवम्वर तक चलेगा

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। हम अंधविश्वास के खिलाफ है।

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