Ratangarh Mata Mandir Previous & Upcoming Events Details

 

रतनगढ़ मेला 2024 में कब लगेगा

रतनगढ़ माता मेला कैलेंडर के अनुसार-

रतनगढ़ माता मेला 2022 – बुधवार, 26 अक्टूबर

रतनगढ़ माता मेला 2023 – मंगलवार, 14 नवंबर

रतनगढ़ माता मेला 2024 – शनिवार-रविवार,2 & 3 नवंबर

रतनगढ़ माता मेला 2025 – गुरुवार 23 अक्टूबर
रतनगढ़ माता मेला 2026 – बुधवार, 11 नवंबर
रतनगढ़ माता मेला 2027 – रविवार, 31 अक्टूबर
रतनगढ़ माता मेला 2028 – गुरुवार, 19 अक्टूबर
रतनगढ़ माता मेला 2029 – बुधवार, 7 नवंबर
रतनगढ़ माता मेला 2030 – सोमवार, 28 अक्टूबर

Pre Events at Ratangarh Wali Mata Mandir

Ratangarh Mata Mandir Sindh Nadi Pul
Ratangarh Mata Mandir Pre Event Details-
श्रद्धा का सैलाब:24 घंटे में 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रतनगढ़-26-Oct-2022
श्रद्धा का सैलाब:24 घंटे में 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रतनगढ़ माता मंदिर पर टेका मत्था, इनमें से एक लाख ने चढ़ाए जवारे
शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन मंगलवार काे रतनगढ़ माता मंदिर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर पर नवमी के दिन 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने चमत्कारिक देवी के दर्शन किए। इनमें से एक लाख श्रद्धालुओं ने जवारे चढ़ाए। बाकी सिर्फ दर्शन करने के लिए पहुंचे। नवमी पर पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से खास इंतजाम कर रखे थे। नदी के रास्ते श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मरसेनी-पचोखरा मार्ग पर बेरिकेडिंग कराई गई। जो श्रद्धालु चोरी छिपे मंदिर जाने की कोशिश कर रहे थे उन्हें भी वापस लौटना पड़ा।
रतनगढ़ मंदिर पहुंचने के लिए डबरा-देवगढ़ और ग्वालियर के बेहट से करीब 100 किमी का अतिरिक्त फेरा भी श्रद्धालुओं को माई के दर्शनों से नहीं रोक सका। मंगलवार को सुबह 4 बजे तक 50 हजार श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे जबकि सुबह 10 बजे के आसपास यह आंकड़ा बढ़कर 2 लाख के पार पहुंच गया। सेंवढ़ा एसडीएम अनुराग निंगवाल के मुताबिक, मंदिर पर 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। दतिया, इंदरगढ़, थरेट होकर माई के दर्शनों के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पहले मरसेनी-चरोखरा मोड़ पर ही रोक दिया गया।
पगडंडी के रास्ते कुछ श्रद्धालुओं ने नदी के पास पहुंचने का प्रयास किया लेकिन यहां तैनात पुलिस जवानों ने उन्हें रोक लिया। वहीं दूसरी ओर मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा नजर आया। सिर पर जवारे और मुंह में सांग फंसाकर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का तांता देर शाम तक जारी रहा। हालत यह थी कि रतनगढ़ माता और कुंअर बाबा के बीच 500 मीटर के फासले में पैर रखने तक के लिए जगह नहीं थी। जिन रास्तों से श्रद्धालु आ रहे थे वहां जाम की स्थिति देखी गई।
पीतांबरा पीठ पर 10 हजार श्रद्धालुओं ने किया हवन
श्री पीतांबरा पीठ पर नवरात्र की नवमी पर मंगलवार को देश के कोने-कोने से आए 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने सामूहिक यज्ञ में पूर्णाहुति दीं। यज्ञशाला में सुबह साढ़े नौ बजे पूर्ण हुति शुरू हो गई थीं और दोपहर ढाई बजे तक अनवरत यह सिलसिला चला। इससे पहले मंगलवार को सुबह साढ़े नौ बजे राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं ट्रस्ट की अध्यक्ष वसुंधरा राजे ने हवन यज्ञ में शामिल होकर आहुति दीं। दोपहर से बड़ी धर्मशाला में भंडारा प्रारंभ हुआ जो कि शाम तक चलता रहा।
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मरसेनी और चरोखरा गांव जाने वाले लोगों को दिखाना पड़ा आधार कार्ड
सेंवढ़ा स्टेट हाइवे 19 से मरसेनी, चरोखरा और बसई मलक होते हुए रतनगढ़ जाने वाला रास्ता पुलिस ने एहतियात के तौर पर पूरी तरह से बंद रखा था। इस मार्ग पर पुलिस ने सोमवार को देर रात में बेरीकेड लगाकर बंद कर दिया था। ताकि नदी के रास्ते होकर लोग रतनगढ़ माता मंदिर पर नहीं पहुंचें। रास्ता सील होने के चलते मरसेनी, चरोखरा और बसई मलक के ग्रामीणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्हें अपने गांव तक पहुंचने के लिए पुलिस को आधार कार्ड दिखाना पड़े। जिनके पास आधार कार्ड नहीं था उन्हें मौके पर ही रोक दिया गया। बाद में घर से आधार कार्ड मंगवाने पर उन्हें एंट्री दी गई।
400 से अधिक पुलिस जवानों ने संभाला मोर्चा, कुछ श्रद्धालु जो नदी तक पहुंचे उन्हें तैनात पुलिस बल ने वापस लौटाया
दो साल के कोरोना काल के बाद इस साल पाबंदियां हटने से नवरात्र में श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ने का अनुमान प्रशासन ने लगा लिया था। इसलिए इस बार पिछले सालों की तुलना में काफी पुलिस बल मंदिर से लेकर, मंदिर के रास्तों, नदी किनारे लगाया गया था। करीब 400 से ज्यादा जिला पुलिस बल और एसएएफ के जवान को लगाया गया था। चोरी छिपे कुछ श्रद्धालु नदी तक पहुंचे लेकिन वे नदी पार नहीं कर सके। वहां मुस्तैद पुलिस बल ने श्रद्धालुओं को वापस लौटा दिया।

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Ratangarh Mata Mandir Fair News: 6-Nov-2021 , दतिया जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर रतनगढ़ माता मंदिर पर लक्खी मेले में आज हजाराें की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। शुक्रवार की शाम से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना शुरू हो गया था। भाईदूज मेले पर आयोजित लक्खी मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शनाें के लिए पहुंचे हैं। इस बार की विशेषता यह है कि रतनगढ़ माता मंदिर पहुंच मार्ग का पुल टूटे होने से नदी पर पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है, ताकि कोई हादसा ना हो। दो गांवो के नागरिकों का आवागमन भी प्रतिबंधित कर रखा है। रात्रि दो बजे सेवढ़ा सिंध पुल पर इसके चलते आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया। इसके साथ ग्वालियर से अतिरिक्त पुलिस बल भी शुक्रवार शाम को ही तैनात कर दिया गया। मंदिर में भारी संख्या में भूत बाधा से ग्रस्त एवं सर्पदंश से पीड़ित लाेग भी पहुंचे थे।
रतनगढ़ माता मंदिर पर सुबह श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखते ही बनता था। काेराेनाकाल के दाैरान मेले काे स्थगित रखा गया था, इसलिए इस बार जब मंदिर में मेले का आयाेजन हुआ ताे भक्ताें की भीड़ टूट पड़ी। पुलिस के लिए भी भीड़ काे कंट्राेल करना खासा मुश्किल हाे रहा था। इस दौरान दो गांव मरसैनी बुर्जग एवं भगुआपुरा मार्ग पर आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है।
 
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रतनगढ़ माता मेला 2021 शनिवार, 6 नवंबरGWALIOR NEWS- रतनगढ़ माता मेले की तैयारियां शुरू, दोनों जिलों की टीम काम करेगी- दीपावली की दौज पर माँ रतनगढ़ माता मंदिर पर लगने वाले मेले की व्यवस्थाओं के संबंध में शनिवार को जिला दतिया एवं ग्वालियर के अधिकारियों की संयुक्त बैठक माँ रतनगढ़ माता मंदिर प्रांगण में सम्पन्न हुई। बैठक में दतिया एवं ग्वालियर जिले के विभिन्न विभागों द्वारा किए जाने वाले कार्यो एवं व्यवस्थाओं पर चर्चा कर अविलम्ब कार्य करने का निर्णय लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्वालियर, देवगढ़ एवं बेहट मार्ग से आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए पार्किग व्यवस्था पेयजल, शौचालय, मेडीकल टीम आदि की व्यवस्था जिला प्रशासन ग्वालियर द्वारा कराई जायेगी। जबकि माँ रतनगढ़ मंदिर एवं आसपास की व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला प्रशासन दतिया की रहेगी। अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय बहुत कम है उन्हें तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की जो जबावदेही सुनिश्चित की गई है उसे अविलंब शुरू करें। बैठक में निर्णय लिया गया कि 15 स्थानों पर वाहनों के लिए पार्किग की आवश्यकता होगी। जिसके लिए स्थान चिन्हित कर निजी भूमि होने पर किसानों से चर्चा कर अधिग्रहण की कार्यवाही करें और समतलीकरण का कार्य लोक निर्माण विभाग और संबंधित विभागों से कराया जाए। बैठक में उक्त जिलों के कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को संयुक्त रूप से निर्देश देते हुए कहा कि उन्हें जो कार्य सौंपे गए है उसे पूरी गंभीरता से लें। प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्य करें। बैठक में पहुंच मार्ग के जीर्णेद्धार, पार्किग स्थल पर पेयजल व्यवस्था, क्रेन की व्यव्स्था, प्रकाश व्यवस्था आदि पर भी चर्चा की गई। माँ रतनगढ़ माता मंदिर प्रांगण में आयोजित बैठक में दतिया कलेक्टर श्री संजय कुमार, ग्वालियर कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक दतिया श्री अमन सिंह राठौर, ग्वालियर के अपर कलेक्टर श्री आशीष तिवारी, अपर कलेक्टर श्री एचबी शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दतिया श्री कमलेश भार्गव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दतिया श्री कमल मौर्य, अनुविभागीय दण्ड़ाधिकारी सेवढ़ा श्री अनुराग निगवाल, ग्वालियर के डिप्टी कलेक्टर श्री अशोक सिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रदीप शर्मा सहित ग्वालियर एवं दतिया जिले के संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
 
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रतनगढ़ माता मंदिर में नहीं लगेगा इस साल दीपावली की दूज पर मेला-
नवंबर 13, 2020   20:40
इस साल यह मेला 15 से 17 नवम्बर तक आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में कोरोना वायरस(कोविड-19) के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित होने वाला मेला प्रतिबंधित किया है।
दतिया। जिल के प्रसिद्ध रतनगढ़ माता-मंदिर में हर साल दीपावली की दूज के अवसर पर आयोजित होने वाला तीन दिवसीय मेला इस साल नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने इस साल कोरोना के चलते इस मेले पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, रतनगढ़ माता मंदिर पर प्रतिवर्ष दीपावली की दूज पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें मध्यप्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
इस साल यह मेला 15 से 17 नवम्बर तक आयोजित होना था, लेकिन जिला प्रशासन ने शासन के निर्देशानुसार वर्तमान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए रतनगढ़ माता मंदिर पर आयोजित होने वाला मेला प्रतिबंधित किया है। दतिया कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए मध्य प्रदेश शासन गृह मंत्रालय के आदेशानुसार प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन को प्रबंधित किया गया है। साथ ही उच्च न्यायालय के निर्देशों के पालन में जनसमुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा को दृष्टिगत रखते हुये आयोजन किया जाना जनहित में नहीं है। इसीलिए इस मेले पर प्रतिबंध लगाया गया है।जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले लोगों से अपील की है कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। संक्रमण से बचने के लिए 15 से 17 नवम्बर तक रतनगढ़ पहुंचने के कार्यक्रम स्थगित कर मंदिर दर्शन अगली तिथि में करें। कोरोना संक्रमण को देखते हुए दतिया जिले की सीमाओं से लगे जिले एवं अन्य प्रांतों के जिला प्रशासन द्वारा रतनगढ़ मेले में जाने वाले वाहनों केा रोकने का कार्य किया जाएगा। जिला प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि माता रानी की आराधना अपने घरों पर ही लाइव दर्शन Ratangarh Mata Mandir  लिंक के माध्यम से करें।
Ratangarh Mata Mandir- रतनगढ़ पर लगा आस्था का मेला-
Apr 14, 2019, 07:05 AM IST
सेंवढ़ा। नगर में स्थित प्राचीन राजराजेश्वर माता मंदिर, काली माता मंदिर एवं पुराने सेंवढ़ा में स्थित शीतला माता…
Datia News-MP News fair mela on ratangarh-
सेंवढ़ा। नगर में स्थित प्राचीन राजराजेश्वर माता मंदिर, काली माता मंदिर एवं पुराने सेंवढ़ा में स्थित शीतला माता मंदिर पर शनिवार को काफी भीड़ रही। नगर की महिलाओं ने इन तीनों माता मंदिरों पर जाकर नौ दिन से जारी उपवास की समाप्ति पूजा अर्चना कर की। वहीं रतनगढ़ माता मंदिर पर भी काफी भीड़ रही। एसपी दतिया ने रतनगढ़ मंदिर पर दिन में कैंप किया तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर तैनात पुलिस कर्मियों का भी हाल जाना।
शनिवार को अष्टमी एवं नवमी पर्व एक साथ मनाया गया। सुबह से ही महिलाओं का रुख प्राचीन देवी मंदिरों की तरफ हो गया। माता पूजन की परंपरा का निर्वहन करने के लिए मंदिर पहुंचे भक्तों ने कन्या पूजन एवं कन्या भोज भी करवाए। प्राचीन शीतला माता मंदिर जो कि नगर से तीन किलोमीटर दूर स्थित है पर भी काफी संख्या में लोग पहुंचे। धूप बढ़ने के साथ लोगों की संख्या कम हुई पर शाम 4 बजे अचानक बादल छा गए। मौसम के इस परिवर्तन ने मंदिरों में एक बार फिर रौनक ला दी। दिन भर धार्मिक अनुष्ठान हवन पूजन का दौर जारी रहा। रतनगढ़ माता मंदिर पर भी शनिवार को काफी रौनक रही। दूर दराज से आए भक्तों ने माता के दर्शन किए। हालांकि दोपहर में तेज धूप ने श्रद्धालुओं को हलकान किया। पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी दिन भर मंदिर परिसर एवं पुल के समीप तैनात रहे। शाम होते ही भक्तों की टोलियां आना प्रांरभ हो गईं। शनिवार रविवार पूरी रात मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों का आना जारी रहेगा। रविवार को सुबह से जवारे चढ़ाने का दौर प्रारंभ होगा। अनुमान के अनुसार रविवार को एक लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे। इनकी व्यवस्था के लिए बृहद प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गईं है। एसडीओपी नरेंद्र सिंह गहरवार एवं एसडीएम राकेश परमार के अलावा तहसीलदार सुनील भदोरिया, नायब तहसीलदार मयंक अवस्थी एवं थाना प्रभारी अतरेटा यतेंद्र सिंह भदौरिया पूरे समय रतनगढ़ पर मौजद रहे।
रतनगढ़ माता मंदिर पर लख्खी मेला शुरू, बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचे Fri Nov 09 07:46:15 IST 2018
दतिया/ सेंवढ़ा। रतनगढ़ माता मंदिर पर लख्खी मेला गुरुवार सुबह से शुरु हो गया। शाम 5 बजे तक 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने मां रतनगढ़ वाली के दर्शन किए। श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर पर पहुंचने का क्रम लगातार जारी है।जिला प्रशासन ने रतनगढ़ माता मंदिर पर दौज मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पूरे मेला परिसर को 42 सेक्टरों में बांटकर अलग अलग सेक्टर में प्रभारी नियुक्त् किए गए है। 17 वाहन पार्किंग बनाई गई है। पेयजल, प्रकाश व्यवस्था के माकूल इंतजाम है। मेला परिक्षेत्र में सीसी कैमरों से पूरे मेले की निगरानी की जा रही है। मेले की व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारी भी मेला परिसर में कैम्प किए हैं।
मेले में श्रद्धालुओं की टोलियां सुबह से पहुंचने लगी है। शहर में जगह जगह रतनगढ़ वाली माता के श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद काउंटर व चाय नास्ता का इंतजाम पांच सैकड़ा से अधिक समाज सेवी संगठनों द्वारा माता मंदिर तक पहुंचने के लिए सभी रास्तों पर मंदिर से 200 कि मी. पहले से किए गए हैं। पूरी रात प्रसाद काउंटरों पर श्रद्धालुओं को नि:शुल्क प्रसाद की व्यवस्था रहेगी। इस बीच माता के भजन गाते, नाचते व जयकारे लगाते श्रद्धालुओं की टोलियां व उनकी वेशभूषा लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र भी बन रही है।दरअसल पैदल चलने वाले जत्थे अपने-अपने कस्बों एवं ग्रामों से दीपावली की पूजा के बाद ही निकल पड़े हैं। सर्वाधिक भीड़ पड़वा एवं दौज की मध्य रात्रि में होती है। मेले में बीते वर्ष 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन करने का दावा प्रशासन ने किया था। इस बार भीड़ अधिक बड़ने की संभावना है। मेले को लेकर देश भर में आस्था और रोमांच का माहौल रहता है।
सर्पदंश पीडित हो जाते है पूर्ण स्वस्थ, इसलिए माता मंदिर पर दौज मेले में जुटती है लाखों की भीड़ रतनगढ़ माता मंदिर पर दीपावली की दौज को सर्पदंश पीडितों के बंध कटते हैं। यहां दीपावली की पूजा के बाद यानि पड़वा से लोगों के पहुंचने का क्रम शुरु हो जाता है। मान्यता है कि अंचल में जब भी किसी को कोई जहरीला सर्प अथवा जहरीला जीव काट ले तो पीडित को रतनगढ़ माता के नाम से बंध लगा दिया जाता है। बंध लगते ही पीडित व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। पर दीपावली की दौज पर उसे रतनगढ़ माता मंदिर आना पड़ता है।मंदिर से ठीक पहले सिंध नदी से गुजरते ही पीड़ित अचेत हो जाता है और उसके मुंह से झाग निकलने लगता है। अचेत अवस्था में पीडित को परिजन कंधे पर अथवा स्ट्रेचर से मंदिर लाते है। उसे देवी मां के दर्शन करवा कर कुंअर बाबा मंदिर की परिक्रमा दिलाई जाती है और कहा जाता है कि वहां लगे पेड़ों के झाड़ उसके शरीर से लगते ही वह हमेशा के लिए स्वस्थ हो जाता है। सदियों से इस प्रक्रिया को देखने लाखों लोग आते हैं।
मेले की व्यवस्थाओं में 3 हजार कर्मचारी अधिकारी तैनात
रतनगढ़ माता मंदिर पर दीपावली की दौज पर दो दिन चलने वाले मेले में मध्य प्रदेश के अलावा यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। रतनगढ़ मंदिर पर पिछले कुछ सालों में हादसे हो चुके हैं, इसी कारण आसपास के जिलों के अफसर पिछले 7 दिन से रतनगढ़ मेले के लिए होमवर्क कर रहे हैं। मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस विभाग ने 1500 जवान अन्य जिलों से एवं 1000 जवान दतिया जिले से तैनात किए हैं। जिला प्रशासन ने 500 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। मेला परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं के वाहन खड़े करने 17 पार्किंग स्थल बनाए गए है। दो दिन पहले वन विभाग को दिखा था बाघ, प्रशासन ने की अपील जंगल के रास्ते से न जाए श्रद्धालु प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह मंदिर पहुंचने के लिए जंगल के रास्तों का उपयोग न करें, मुख्य मार्ग से ही जाएं। यहां सेंवढ़ा वन क्षेत्र में दो दिन पहले बाघ दिखाई दिया था। इसके बाद प्रशासन ने मंदिर आने वाले लोगों को अलर्ट जारी कि या है। रेंजर आनंद कुमार श्रीवास्तव के मुताबिक बाघ की लोकेशन वाले स्थानों पर सुरक्षा कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। इसके बाद भी खमरोली, डिरोलीपार व अन्य जगह के लोग मंदिर तक आने के लिए जंगली रास्ते का उपयोग न करें। मेले में आने वाले लोग घने जंगल की ओर न जाएं। रेंजर ने श्रद्धालुओं से सिंध नदी में नहाते वक्त भी सावधानी बरतने को कहा है। रेंजर के मुताबिक पुल के आस पास ही स्नान करें। दूर जाने पर उन्हें मगरमच्छ मिल सकते हैं।
इनका कहना है
मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं, मेला परिक्षेत्र में पेयजल, साफ सफाई, स्वास्थ्य सुविधा के अलावा सिंध नदी में बोट भी उलब्ध रहेंगी।
राकेश परमार, एसडीएम सेंवढ़ा
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा सर्वोपरि है। स्थल निरीक्षण कर पूरा नक्शा तैयार किया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। 2 हजार से अधिक जवान एवं 50 से अधिक पुलिस अधिकारी मेले की पूरी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। नरेंद्र सिंह गहरवार, एसडीओपी सेंवढ़ा
रतनगढ़ माता मंदिर पर चढ़ा, देश का सबसे बड़ा घंटा
October 13, 2018 Ratangarh Mata Temple-
दतिया। विंध्याचंल पर्वत श्रृखंलाओं के पर्वत पर, सिंध नदी के किनारे बियावान जंगल में विराजमान मां रतनगढ़ का दरबार, श्रृद्धालुओं की आस्था से कई वर्षों से रोशन हैं। दतिया जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर रतनगढ़ माता का मंदिर (Ratangarh Mata Temple) है। आदिकाल से मन्नत पूरी होने पर मां के दरबार में घंटा चढ़ाये जाने की परंपरा है। प्रतिवर्ष हजारों घंटे मां के दरबार में चढ़ाये जाते है। इसी श्रृद्धाभाव के तहत डकैतों ने भी यहां पर बडें-बडें घंटे चढ़ाये हैं। नवरात्रि एंव दीपावली की दूज पर यहां विशाल मेला लगता है। नवरात्रि के दिनों में यहां पर लाखों श्रृद्धालु माता के दर्शन के लिए आते है।
 
 
 
 
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