Ratangarh Mata Mandir|रतनगढ़ धाम दतिया|
रतनगढ़ मेला • रविवार दोपहर 3 बजे प्रशासन ने मेला का समापन माना, अधिकारी-कर्मचारी हुए पहाड़ी से वापस
पहली बार 51 घंटे चला मेला, दावा – 35 लाख लोग
पहुंचे व 17 हजार से अधिक सर्पदंश के बंध भी कटे
जिला प्रशासन ने भाई दूज पर माता रतनगढ़
सोमवार को श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए अब स्थानीय अधिकारी कर्मचारी संभालेंगे मोर्चा
दोपहर 3 बजे मान लिया। यह पहला अवसर है, जब माता का मेला 51 घंटे से अधिक चला। आमतौर पर यह 24 से 30 घंटे ही चलता है। दीपावली दो दिन होने से मेला का समय भी बढ़ गया। जिला प्रशासन का दावा है कि इस दौरान श्रद्धालुओं का भी रिकार्ड टूटा। प्रशासन 35 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने के साथ लगभग 17 हजार अधिक से अधिक सर्पदंश से पीडित लोगों के बंध कटने का दावा कर रहा है। रविवार की दोपहर 3 बजे के बाद माता व कुंअर बाबा से सफल व शांति पूर्व मेला का समापन होने प्रार्थना कर कलेक्टर संदीप माकिन व एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा वापस हो गए। चूंकि माता पर हर सोमवार को भी काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है, इसलिए अभी वहां पर सेंवढ़ा ब्लाक के अधिकारी व कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल रखा है।
इस बार दीपावली दो दिन 31 अक्टूबर व 1 नवंबर को मनाई गई। ऐसे में 1 नवंबर को दोपहर 12 बजे से माता के दरबार में श्रद्धालुओं के साथ सर्पदंश से पीडित लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। 1
शाम तक प्रशासन ने 3 लाख लोगों के दर्शन करने का दावा किया था। 1 नवंबर की रात से 2 नवंबर की दोपहर तक प्रशासन का दावा है कि 22 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। वहीं 2 नवंबर की रात से 3 नवंबर की दोपहर 3 बजे तक प्रशासन 11 लाख श्रद्धालुओं के दर्शन करने का दावा कर रहा है।
रविवार को रतनगढ़ माता मंदिर पर दर्शनों के लिए उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़।
आज भी काफी संख्या में पहुंच सकते हैं श्रद्धालु
बता दें कि माता के दरबार में हर सोमवार को मेला लगता है। काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। कई श्रद्धालु दीपावली के अवसर पर जवारे बोते हैं, उन्हें तीज को माता का अर्पित करने जाते है। इसलिए सोमवार 4 नवंबर की भी भीड़ की संभावना देखते हुए ब्लाक स्तर के अधिकारी कर्मचारी अभी वहां पर मोर्चा संभाले रहेंगे।
पहली बार श्रद्धालुओं का भी रिकार्ड टूटा
हर साल लगने वाले माता रतनगढ़ के मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का बार रिकार्ड बन गया। आमतौर पर प्रशासन मेले में 15 से 20 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का दावा करता रहा है। कारण मेला 24 से 30 घंटे तक ही चलता था। मेले में रात के समय अचानक भीड़ पहुंचती है। दोपहर होते होते वापसी शुरू हो जाती है। यह पहला अवसर है जब मेला 51 घंटे चला। कारण लोगों ने प्रतिपदा व भाई दूज को भी दो दिन मनाया।
सर्पदंश के बंध कटने का भी बना रिकार्ड
कलेक्टर संदीप माकिन के अनुसार इस बार 17 हजार से अधिक सर्पदंश पीडित मेले में पहुंचे।
उनके बंघ कटे। कलेक्टर माकिन के अनुसार मेले में 3 हजार स्टेचर को व्यवस्था थी। इन स्टेचरों को मंदिर से वापस सिंघ नदी के पास पांच बार से अधिक पहुंचाया गया। इसी आधार पर 17 हजार से अधिक बंध कटने का अनुमान है।
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ड्रोन से हुई मेले की मॉनिटरिंग
एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार इस बार पूरे मेले का मॉनीटरिंग ड्रोन कैमरे की सहायता से की गई। ताकि हर स्थान की सही जानकारी मिलती रहे। प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे में लगाए गए थे। यह भी पहला अवसर था जब मेले की ड्रोन से निगरानी की गई। प्रशासन ने मेले में पेयजल, स्वास्थ्य व बिजली की भी पर्याप्त व्यवस्था की थी। माता मंदिर से लगभग 5 किमी के दायरे में सड़कों पर लाइट की व्यवस्था की गई थी, ताकि श्रद्धालुओं को आने जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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